Книга "Не приветствуй" автор Оуэн Джонс является философским исследованием о языке и коммуникационных механизмах, которое рассматривает понятие языка и важность самоидентификации в процессе его формирования и интерпретации. Эта книга поможет нам разобраться в том, как мы общаемся, как наши мысли и действия отражаются в нашем языке, и какие последствия могут возникнуть в результате неверного использования слов и предложений. Книга предоставляет широкое понимание сферы изучения языка и предлагает интересные идеи для размышления и дискуссий.
Электронная Книга «गैरसमज» написана автором Owen Jones в году.
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Язык: Маратхи
ISBN: 9788835416869
Описание книги от Owen Jones
मगन एक अतमनस कशरवयन मलग आह, जल सवतच समरथय समजवन घणयस, मदतस कण सपडत नह आह… अरथत एक नरजन ठकण. 'गरसमझ' ह एक लहन मलच, कटबतल कणह कर शकत नह अश गषट करणयस सकषम असणयच तचय वढतय जणववषय एक लहन कथ आह, जयवर तचय शळतल कह मतर महणतत क तयचयत अशच असमनय मनसक कषमत आहत. य मलच नव मगन आह आण त य पहलय पसतकत बर वरषच आह. मगनल दन अटळ समसय असलयच दसत. पहल गषट महणज तच आई तचय मलचय सपत कषमत पहन घबरलल आह आण कवळ यवढच नवह तर तल मदत करत नसन तल सकरयपण नरश करत आह आण दसर महणज तल तचय अलकक, मनसक शकत वकसत करणयस मदत करणर शकषक सपडत नह. त तचय आईश य गषटबददल चरच करणयच परयतन करत, परत तल अगदच लहन परतसद मळत आण त ह बब तचय वडलन सगण यगय समजत नह करण तल महत आह क तच आई ह मजर करणर नह आण शवय मगनल तचय आईचय मरजत रहयच आह. मगनल वटत क तय दघमधय एक मक करर आह. कदचत ह करर सरव आई आण तयचय मलमधय असततवत असत, परत इथ ह कदचत अधक खलवर जत. कण सग शकल, करण मगन सवतल दखल ओळखत नह? तल एवढच महत आह क आपल आई, आपलय चतबददल आपल वशवस असणऱय एखदयश चरच कर इचछत असणऱय, लवकरच कशरवयन हणर असललय आपलय मलच परमळ आई महणन अपकषत भमक बजवतन दसत नह. मगन तचय आईल आपलय अलककतचय भतपसन उभरणयसठ वळ दऊ इचछत आह. त परतकष कर शकत आण वडलचय नकळत तचयवर गपतपण लदलय गलल भयनक अतयचर त सहन कर शकत. नदन, त आततपरत तर कर शकत. 'गरसमज' ह, मगनल तचय अलकक, अधयतमक आण मनसक वकससह कस पढ जण शकय आह ह समजणयस मदत करणर लक सपडलयन तचय नरतर परबधनबददल य मलकतल आतपरयतचय तवस लघ कथपक पहल लघ कथ आह. करण तल कवळ कय करण शकय आह आण त कस करव ह नह तर तन तचय वशष कषमत कशत गतववय ह शकवल जण आवशयक आह. मगन एक चगल मलग आह, महणनच आपलय शकत चगलय हतसठ वपरणयकड तच कल असण सहजक आह, परत यगय कय आह त जञत असल तर तयवर नहमच अमल करण शकय नसत. मगनबददलचय य कथ, मनसक शकतमधय, अलकक आण अलकक गषटमधय रस असणऱय आण दह त शभर वरष वयगटतल कणसह आकरषत करतल.